
मुंगेली। भाजपा ग्रामीण मंडल की हाल ही में घोषित पदाधिकारी एवं कार्यसमिति की सूची ने पार्टी के भीतर असंतोष की लहर पैदा कर दी है। युवा मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी अरविंद सिंह राजपूत ने इस सूची पर खुलकर नाराज़गी जताते हुए संगठन के प्रदेश महामंत्री पवन साय से सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई है। राजपूत ने आरोप लगाया कि सूची में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जो न केवल पूर्ववर्ती चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ खड़े हुए थे, बल्कि जिनकी सक्रियता पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से पार्टी के लिए समर्पित जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर “नामदारों” को प्राथमिकता दी गई है, जिससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। राजपूत ने यह भी बताया कि कुछ व्यक्तियों को एक से अधिक पद देकर कार्यकर्ताओं की मेहनत की अनदेखी की गई है। मंडल की बैठकों से नदारद रहने वाले लोगों को जिम्मेदारियां सौंपना पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। चयन सूची में राजीव श्रीवास को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है, जो ओबीसी वर्ग से आते हैं। हालांकि राजपूत ने संगठन पर सवर्ण समाज की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि इस वर्ग के प्रतिनिधियों को भी महामंत्री जैसे पदों पर स्थान मिलना चाहिए था। यह विवाद अब केवल सूची तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि संगठनात्मक संतुलन, कार्यकर्ताओं के सम्मान और आंतरिक लोकतंत्र की दिशा में एक गंभीर सवाल बन गया है। राजपूत ने संगठन से स्पष्ट मांग की है कि ऐसे चयन की निष्पक्ष जांच हो और समर्पित कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान किया जाए, जिससे पार्टी की जमीनी पकड़ और मजबूती बनी रहे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कई वरिष्ठ नेता भी इस चयन प्रक्रिया से असहमत हैं, और आने वाले दिनों में यह विवाद और गहरा सकता है।

