
मुंगेली—- शहर में अध्यात्म की पावन बयार उस समय बह उठी जब प्रतिष्ठित केशरवानी परिवार के तत्वावधान में आयोजित नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा से पूर्व नगर में एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। इस दिव्य आयोजन में 1001 कलशों के साथ नगर की माताएं एवं बहनें पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर शामिल हुईं, जिनमें न केवल मुंगेली शहर की महिलाएं शामिल रहीं बल्कि दूरदराज के ग्रामीण अंचलों से भी श्रद्धालु महिलाओं ने भारी संख्या में सहभागिता की। यह कलश यात्रा परम पूज्य गिरी बापु जी के सान्निध्य में, कथा स्थल पर शिव पुराण के आरंभ से पहले, केशरवानी परिवार के निज निवास से प्रारंभ हुई। यात्रा जैसे ही नगर में आगे बढ़ी, जगह-जगह श्रद्धालुओं एवं नगरवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।


कलश यात्रा का स्वागत स्थलों पर गर्मजोशी से हुआ
यात्रा का पहला पड़ाव चौक रहा, जहाँ पर रामकिंकर सिंह परिहार, शेखर उपाध्याय, कोमल शर्मा, सुदामा देवांगन, अजय ताम्रकार एवं जैकी राजेश द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर एवं शरबत पिलाकर श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया। इसके पश्चात यात्रा पुराना बस स्टैंड पहुँची, जहाँ केशरवानी समाज द्वारा ठंडे पेय और पुष्पवर्षा के साथ भावपूर्ण स्वागत किया गया। गोलबाजार में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए मन्नु श्रीवास्तव ने सभी को जलपान कराया, वहीं अमिताभ वैष्णव ने अपनी धर्मपत्नी एवं बच्चों संग मिलकर श्रद्धालुओं को जूस पिलाया और पुष्पवर्षा कर श्रद्धा और सेवा का संदेश दिया। आगे धर्मशाला रोड पर विवेक केशरवानी और राजेश केशरवानी ने भवानी साव व रामलाल साव धर्मशाला के समीप सभी कलश यात्रा में सम्मिलित श्रद्धालुओं को ठंडा पानी पिलाकर सेवा भाव प्रकट किया। यात्रा अपने पूरे नगर भ्रमण के उपरांत कृषि मंडी प्रांगण पहुँची, जहाँ पर इसका समापन हुआ और कथा स्थल में विधिवत रूप से नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा का शुभारंभ हुआ।
भंडारे का आयोजन – श्रद्धा और सेवा का संगम
कलश यात्रा के पश्चात सभी श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे की व्यवस्था की गई थी, जहाँ पर हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस सेवा कार्य में भी नगर के अनेक समाजसेवी, स्वयंसेवी संगठनों एवं केशरवानी परिवार के सदस्यों का भरपूर सहयोग रहा।
गिरी बापु जी ने शिवपुराण कथा का महत्व बताया
कथा वाचक परम पूज्य गिरी बापु जी ने कथा के प्रथम दिवस पर शिव महापुराण कथा के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि शिव पुराण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन के हर पहलू को सन्मार्ग पर लाने वाला दैविक ज्ञान है। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं से आग्रह किया कि जब तक कथा चल रही है, वे सदाचार, सत्य, शाकाहार, क्रोध पर नियंत्रण, वाणी की मर्यादा और शांत चित्त का पालन करें, जिससे कथा श्रवण का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके।
प्रतिदिन दोपहर 3 से 6 बजे तक होगा आयोजन
यह शिव महापुराण कथा प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक कृषि मंडी प्रांगण, मुंगेली में आयोजित की जा रही है। समस्त नगरवासियों, श्रद्धालुओं एवं धर्मप्रेमियों से अनुरोध है कि अधिकाधिक संख्या में कथा स्थल पर पहुँचकर इस दिव्य आयोजन का श्रवण करें और पुण्य लाभ प्राप्त करें। यह आयोजन मुंगेली के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में एक ऐतिहासिक अध्याय के रूप में लंबे समय तक स्मरणीय रहेगा।

