महामहिम राज्यपाल रमेन डेका ने वनवासी बच्चों की शिक्षा के लिए बढ़ाया मदद का हाथ, ‘प्रयास वनवासी पाठशाला’ को दिया आर्थिक सहयोग

मुंगेली— अचानकमार अभयारण्य के सुदूर वनग्राम बिसौनी में संचालित प्रयास अ स्माल स्टेप फाउंडेशन की पाठशाला के प्रति संवेदनशीलता और मानवीय करुणा का एक अनुकरणीय उदाहरण हाल ही में देखने को मिला। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले बैगा वनवासी बच्चों की शिक्षा हेतु संचालित प्रयास वनवासी पाठशाला का अस्थायी बांस-बल्ली का निर्माण विगत दिनों आए आंधी-तूफान में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे आगामी सत्र 2025-26 में बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की गंभीर आशंका उत्पन्न हो गई थी। इस चिंताजनक स्थिति को लेकर संस्था के सदस्यों ने सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों की टूटी हुई पाठशाला का एक मार्मिक वीडियो साझा किया, जो व्यापक रूप से वायरल हुआ। इसी वीडियो को महामहिम राज्यपाल रमेन डेका के निज सचिव शेखर डे ने देखा और तत्काल इस विषय को राज्यपाल के संज्ञान में लाया। सचिव डे ने उन्हें जानकारी दी कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे वही बैगा बच्चे हैं जो हाल ही में राजभवन आकर महामहिम से मिले थे। यह जानकर राज्यपाल ने गहरी संवेदना व्यक्त की और बिना किसी विलंब के संस्था की तत्काल सहायता करने का निर्णय लिया।
राज्यपाल ने सबसे पहले 50,000/- रुपये की तात्कालिक सहायता प्रयास फाउंडेशन के खाते में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने संस्था के सदस्यों को राजभवन बुलाने की इच्छा भी जताई, ताकि वे स्वयं उनसे मिलकर और अधिक सहयोग कर सकें। इसके बाद संस्था के सक्रिय सदस्य आकाशदीप गुप्ता को अगले दिन राज्यपाल महोदय से भेंट हेतु आमंत्रित किया गया। राजभवन में आयोजित इस भेंटवार्ता के दौरान महामहिम रमेन डेका जी ने प्रयास फाउंडेशन को 03 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा करते हुए एक औपचारिक पत्र भी सौंपा। यह राशि भी शीघ्र ही संस्था के खाते में अंतरित किए जाने की प्रक्रिया में है।
गौरतलब है कि प्रयास फाउंडेशन द्वारा संचालित यह पाठशाला उन सैकड़ों वनवासी बच्चों के लिए शिक्षा का एकमात्र माध्यम है, जिनके लिए मुख्यधारा की शिक्षा अभी भी एक सपना है। कुछ समय पूर्व संस्था की टीम इन्हीं बच्चों को लेकर राजभवन पहुंची थी, जहां राज्यपाल और राजभवन के पूरे स्टाफ ने बच्चों की समस्याओं को न केवल सुना, बल्कि उन्हें गंभीरता से संज्ञान में भी लिया। यही कारण है कि जब आंधी-तूफान में पाठशाला ढही, तो महामहिम का हृदय पुनः उन बच्चों की पीड़ा से व्यथित हुआ और उन्होंने त्वरित सहायता का निर्णय लिया। इस पूरे सहयोग में राजभवन के मुख्य नियंत्रक संजय विश्वकर्मा का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने कार्यालयीन प्रक्रियाओं को तीव्र गति से संपन्न कर राशि अंतरित करने की दिशा में महती भूमिका निभाई। संस्था ने उनके प्रति भी विशेष धन्यवाद प्रकट किया है।
प्रयास फाउंडेशन की पूरी टीम ने महामहिम राज्यपाल रमेन डेका का हृदय से आभार व्यक्त किया है और कहा है कि यह सहायता न केवल आर्थिक संबल है, बल्कि समाज के सबसे वंचित वर्ग के बच्चों के प्रति एक गहरी मानवीय संवेदना और प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। राज्यपाल के इस सहयोग से वनग्राम बिसौनी में स्थित प्रयास पाठशाला का पुनर्निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा, जिससे बैगा वनवासी बच्चों की शिक्षा फिर से निर्बाध रूप से चल सकेगी। यह कदम प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मिसाल के रूप में याद किया जाएगा।
संस्था ने यह भी अपील की है कि शासन, प्रशासन और समाज के अन्य सक्षम लोग भी वनवासी बच्चों की शिक्षा को समर्थन दें, ताकि इस देश के हर कोने में शिक्षा की रौशनी पहुंचे, और कोई भी बच्चा सिर्फ इसलिए अशिक्षित न रह जाए क्योंकि वह जंगलों में पैदा हुआ है।

Jay Johar

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