महिलाओं व छात्राओं का कड़ा विरोध, कई गांवों के ग्रामीण समर्थन में पहुंचे

मुंगेली— जिले के ग्राम पंचायत बोदा में प्रस्तावित शासकीय शराब दुकान को लेकर ग्रामीणों के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आ गया है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान बोदा सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण विरोध और समर्थन—दोनों मुद्दों को लेकर कलेक्टर से मिले। इस दौरान जनदर्शन परिसर में दोनों पक्षों के आमने–सामने आने से माहौल गर्म हो गया और कुछ समय के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को स्थिति नियंत्रण में रखने में जुटना पड़ा। महिलाएँ और छात्राएँ विरोध में हुईं एकजुट — “गांव में बढ़ेगा नशाखोरी और अपराध”
बोदा, ग्राम सिपाही और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएँ, स्कूली छात्राएँ, बुजुर्ग व युवा विरोध दर्ज कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे। महिलाओं ने आरोप लगाया कि गांव में शराब दुकान खुलने से युवाओं में नशे की लत और अधिक फैल जाएगी जिससे घरेलू कलह, महिलाओं पर हिंसा, छेड़छाड़ और सड़क दुर्घटनाओं जैसी घटनाओं में वृद्धि होगी। विरोध करने वाले ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट चेतावनी दी “यदि गांव में शासकीय शराब दुकान खोली गई तो हम शांत नहीं बैठेंगे। उग्र आंदोलन करने विवश होंगे।” विरोध जताने के दौरान छात्राओं ने भी अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि स्कूल–कॉलेज जाने वाली लड़कियों की सुरक्षा पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा और गांव का शैक्षणिक माहौल खराब होगा।
“वैध दुकान खुलेगी तो अवैध बिक्री पर लगेगी रोक” — समर्थन करने वालों का कहना है कि दूसरी ओर बोदा, सेतगंगा, तालम, सिल्ली, फास्टरपुर, लालपुर, तरवरपुर, खैरा, हरियरपुर सहित कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीण शराब दुकान खोलने के समर्थन में पहुंचे। उन्होंने भी कलेक्टर जनदर्शन में ज्ञापन सौंपते हुए तर्क दिया कि वैध दुकान खुलने से अवैध शराब पर अंकुश लगेगा, शासन निर्धारित दरों पर साफ–शुद्ध शराब उपलब्ध हो सकेगी तथा ग्रामीणों को दूर–दराज के स्थानों पर जाने की परेशानी समाप्त होगी। समर्थन करने वालों ने भी आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा “यदि शासन अनावश्यक रूप से देरी करता है या दुकान खोलने से इंकार करता है तो हमें भी आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।”
दोनों पक्षों को बुलाकर की जाएगी चर्चा — आबकारी विभाग
इस पूरे प्रकरण पर जिला आबकारी अधिकारी रविशंकर साय ने कहा कि “कलेक्टर जनदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। अब विभागीय स्तर पर दोनों पक्षों से चर्चा की जाएगी। उनकी राय और मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी। आगे की कार्रवाई शासन के निर्देशानुसार की जाएगी।”
प्रशासन पर बढ़ा निर्णय का दबाव, गांव में असमंजस का माहौल
बोदा में प्रस्तावित शराब दुकान के विरोध और समर्थन में उभरे आंदोलन से गांव सामाजिक रूप से दो हिस्सों में बंटता दिखाई दे रहा है। महिलाएँ और युवा जहाँ सामाजिक व पारिवारिक कारणों से इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं, वहीँ समर्थक ग्रामीण इसे अवैध दारू कारोबार पर नियंत्रण का साधन मानते हैं। वर्तमान में ग्रामीणों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और प्रशासन पर संतुलित एवं न्यायसंगत निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है। आगे जिला प्रशासन की कार्यवाही से ही यह स्पष्ट होगा कि बोदा में शासकीय शराब दुकान खुलेगी या ग्रामीणों की मांग के अनुरूप रोक लगा दी जाएगी।

















































