
छात्रों ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को सौंपा ज्ञापन, कुलपति और कुलसचिव की भूमिका की जांच की मांग
मुंगेली । अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों की बदहाल शैक्षणिक व्यवस्था और छात्रों की समस्याओं को लेकर सोमवार को मुंगेली के एसएनजी कॉलेज में छात्र-छात्राओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कॉलेज गेट के बाहर नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई।
छात्रों का कहना था कि जिले के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे नियमित कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रही हैं। छात्र लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं जैसे पुस्तकालय, प्रयोगशाला, छात्र-छात्राओं के लिए अलग कॉमन रूम, पीने के पानी, स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही है।
प्रदर्शन के पश्चात छात्रों ने मुंगेली की अपर कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पांडेय तिवारी को उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ नियमित प्राचार्य एवं शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति की मांग की।
ज्ञापन में छात्रों ने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय में हाल ही में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर हुई भर्ती प्रक्रियाओं में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। इन अनियमितताओं में विश्वविद्यालय के कुलपति एडीएन वाजपेयी और कुलसचिव शैलेंद्र दुबे की भूमिका की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई।
प्रदर्शन में शामिल छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों को ताक पर रखकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ऐसे में मजबूर होकर उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ा है। छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
अपर कलेक्टर ने छात्रों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि सुशासन तिहार के अंतर्गत उनकी मांगों को संबंधित विभाग तक पहुंचाया जाएगा और उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इस दौरान छात्र प्रतिनिधि सूरज सिंह, सूरज ध्रुव, पूर्व सह-सचिव सत्यप्रकाश, राहुल मल्लाह, सोनू मनहर, कृष ध्रुव, खिलेष साहू, शिबाइन बंजारा, यश गुप्ता, नीरज, रुद्र, स्वप्निल, सौरभ समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन छात्रों की आवाज़ प्रशासन तक पहुंची और अब आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।

